एक व्यक्ति साइटिका दर्द से पीड़ित है, जिसमें उसकी रीढ़ की हड्डी और नसें दिखाई दे रही हैं

साइटिका पेन: कारण, लक्षण, और प्रभावी एक्सरसाइज

Aman Rai
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Aman Rai

साइटिका पेन, जिसे हम आमतौर पर साइटिका के नाम से जानते हैं, पीठ के निचले हिस्से से शुरू होकर पैरों तक फैलने वाला दर्द है। यह दर्द तब होता है जब साइटिक नर्व पर दबाव पड़ता है, जिससे दर्द, सुस्ती, या झुनझुनी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। साइटिका का कारण अक्सर डिस्क हर्नियेशन, स्पाइनल स्टेनोसिस, या अन्य मांसपेशियों की समस्याएं होती हैं। इस ब्लॉग में हम साइटिका के कारणों, लक्षणों और इसके लिए कुछ प्रभावी एक्सरसाइज के बारे में चर्चा करेंगे।

साइटिका के कारण

  1. डिस्क हर्नियेशन: यह स्थिति तब होती है जब रीढ़ की हड्डियों के बीच की डिस्क टूट जाती है और नर्व पर दबाव डालती है।
  2. स्पाइनल स्टेनोसिस: यह स्थिति रीढ़ की हड्डियों के भीतर का स्थान संकुचित होने से होती है, जो नर्व्स पर दबाव डालती है।
  3. मांसपेशियों में तनाव: लंबे समय तक बैठने या गलत मुद्रा में बैठने से भी साइटिका का दर्द बढ़ सकता है।
  4. ओस्टियोआर्थराइटिस: यह एक उम्र से संबंधित स्थिति है, जिसमें जोड़ों में सूजन और दर्द होता है, जो नर्व्स पर दबाव डाल सकती है।

साइटिका के लक्षण

  • पीठ के निचले हिस्से में दर्द: जो कि पैरों तक फैल सकता है।
  • झुनझुनी या सुस्ती: खासकर पैरों और पांवों में।
  • मांसपेशियों में कमजोरी: कभी-कभी मरीज को पैरों में कमजोरी का अनुभव हो सकता है।
  • गंभीर स्थिति में, बाथरूम जाने में कठिनाई: यदि साइटिका गंभीर हो जाता है, तो यह बाथरूम जाने में कठिनाई पैदा कर सकता है।

साइटिका पेन के लिए एक्सरसाइज 

साइटिका पेन के लिए एक्सरसाइज करना न केवल दर्द को कम करने में मदद करता है, बल्कि यह मांसपेशियों को मजबूत करने और लचीला बनाने में भी सहायक होता है। यहां कुछ प्रभावी एक्सरसाइज दी गई हैं:

कूल-डाउन स्ट्रेच

विधि:

  • अपनी पीठ के बल लेटें।
  • अपने घुटने को मोड़ें और पैरों को जमीन पर रखें।
  • अब धीरे-धीरे अपने घुटनों को एक दिशा में गिराएं और फिर दूसरी दिशा में।

लाभ:

यह एक्सरसाइज आपकी पीठ के निचले हिस्से को आराम देती है और मांसपेशियों के तनाव को कम करती है।

कैट-कैमल स्ट्रेच

विधि:

  • चारों पर बैठें (हाथ और घुटने जमीन पर)।
  • अपनी पीठ को ऊपर की ओर तानें (कैट) और फिर नीचे की ओर झुकें (कैमल)।
  • इसे 10-15 बार दोहराएं।

लाभ:

यह आपकी रीढ़ को लचीला बनाता है और पीठ की मांसपेशियों को मजबूत करता है।

पैरों की स्ट्रेचिंग

विधि:

  • सीधे खड़े हों और एक पैर को पीछे की ओर खींचें।
  • दूसरे पैर को थोड़ा आगे बढ़ाएं और अपनी उंगलियों को छूने की कोशिश करें।
  • 15-20 सेकंड तक इसी स्थिति में रहें और फिर दूसरे पैर के लिए दोहराएं।

लाभ:

यह एक्सरसाइज आपके पिंडली और पीठ की मांसपेशियों को खींचती है।

सिट-टू-स्टैंड एक्सरसाइज

विधि:

  • एक कुर्सी पर बैठें।
  • धीरे-धीरे खड़े हों और फिर वापस बैठें।
  • इसे 10-15 बार दोहराएं।

लाभ:

यह आपकी निचली पीठ और पैरों की मांसपेशियों को मजबूत करता है।

ब्रीज एक्सरसाइज

विधि:

  • अपनी पीठ के बल लेटें और घुटनों को मोड़ें।
  • अब धीरे-धीरे अपनी नितंबों को ऊपर उठाएं और कंधों और पैरों को सीधा रखें।
  • इस स्थिति में 5-10 सेकंड तक रहें और फिर धीरे-धीरे नीचे आएं।

लाभ:

यह आपकी निचली पीठ और नितंबों की मांसपेशियों को मजबूत करता है।

हैंगिंग स्ट्रेच

विधि:

  • एक लोहे की छड़ या दरवाजे के हैंडल से लटकें।
  • अपनी बाहों को सीधे रखें और अपने पैरों को नीचे लटकने दें।
  • 10-15 सेकंड तक इस स्थिति में रहें।

लाभ:

यह आपके स्पाइन को खींचता है और नर्व्स पर दबाव को कम करता है।

लंज स्ट्रेच

विधि:

  • सीधे खड़े होकर एक पैर को आगे बढ़ाएं और लंज करें।
  • अपनी जांघ के मांसपेशियों को खींचें और 15-20 सेकंड तक इस स्थिति में रहें।
  • फिर दूसरे पैर के लिए दोहराएं।

लाभ:

यह आपकी जांघ और निचली पीठ के मांसपेशियों को मजबूत करता है।

पेल्विक टिल्ट

विधि:

  • अपनी पीठ के बल लेटें और घुटनों को मोड़ें।
  • अपनी नितंबों को जमीन की ओर दबाएं और पीठ को थोड़ी ऊपर उठाएं।
  • 5-10 सेकंड तक इसी स्थिति में रहें।

लाभ:

यह आपकी निचली पीठ के लिए बहुत फायदेमंद है और इसे मजबूत बनाता है।

बॉक्स स्ट्रेच

विधि:

  • एक बॉक्स या स्टूल के सामने खड़े हों।
  • एक पैर को बॉक्स पर रखें और धीरे-धीरे उस पैर के ऊपर झुकें।
  • 15-20 सेकंड तक इस स्थिति में रहें और फिर दूसरे पैर के लिए दोहराएं।

लाभ:

यह आपकी निचली पीठ और पैरों की मांसपेशियों को खींचता है।

साइक्लिंग एक्सरसाइज

विधि:

  • लेटकर अपने पैरों को साइकिल चलाने जैसी स्थिति में घुमाएं।
  • इसे 1-2 मिनट तक करें।

लाभ:

यह पैरों और निचली पीठ की मांसपेशियों को सक्रिय करता है।

ध्यान रखने योग्य बातें

  • धीरे-धीरे करें: एक्सरसाइज करते समय धीरे-धीरे आगे बढ़ें। दर्द महसूस होने पर तुरंत रुकें।
  • सुनिश्चित करें कि आपकी मुद्रा सही है: गलत मुद्रा से समस्या बढ़ सकती है।
  • नियमितता: ये एक्सरसाइज नियमित रूप से करें, लेकिन हर दिन नहीं। अपने शरीर को आराम देने के लिए कुछ दिन का अंतराल रखें।
  • डॉक्टर से सलाह लें: अगर दर्द गंभीर है या एक्सरसाइज करने में कठिनाई हो रही है, तो डॉक्टर से सलाह लें।

निष्कर्ष

साइटिका पेन एक आम समस्या है, लेकिन सही एक्सरसाइज और दृष्टिकोण के साथ इसे प्रबंधित किया जा सकता है। ऊपर दी गई एक्सरसाइज न केवल दर्द को कम करने में मदद करेंगी, बल्कि आपको मजबूत और लचीला भी बनाएंगी। ध्यान रखें कि यदि आपकी समस्या गंभीर है, तो पेशेवर चिकित्सक से सलाह अवश्य लें। एक सक्रिय जीवनशैली अपनाकर और नियमित एक्सरसाइज करके आप साइटिका के दर्द को काफी हद तक नियंत्रित कर सकते हैं।

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